आयुर्वेद में अल्कलाइन वाटर बनाने की गाइड

क्षारीय जल (अल्कलाइन वाटर) एक ऐसा पानी है जिसका pH मान 7 से अधिक होता है। आयुर्वेद में इसे "क्षारीय जल" या "Alkaline Water" कहा जाता है। आयुर्वेदिक सिद्धांतों के अनुसार, क्षारीय जल शरीर के pH संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है, जो स्वास्थ्य और रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए महत्वपूर्ण है।

how to make water alkaline ayurveda

    क्षारीय जल के लाभ:

    • शरीर के pH संतुलन को बनाए रखता है |
    • पाचन क्रिया में सुधार करता है
    • रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है
    • थकान और कमजोरी को कम करता है
    • त्वचा और बालों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है
    • एसिडिटी और अपच को कम करता है
    • मधुमेह, गठिया, और हृदय रोग जैसी बीमारियों के जोखिम को कम कर सकता है

    क्या आप शरीर को प्राकृतिक तरीके से स्वस्थ और संतुलित रखना चाहते हैं? आयुर्वेद, सदियों पुराना ज्ञान, क्षारीय जल बनाने के सरल तरीके प्रस्तुत करता है। यह जल पीएच स्तर को संतुलित कर पाचन सुधारता है, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है और समग्र स्वास्थ्य को लाभ पहुंचाता है। आइए सीखें  how to make water alkaline ayurveda :-

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    आयुर्वेद में क्षारीय जल बनाने की विधियां:

          1. तांबे के बर्तन में पानी जमा करना:

    • एक तांबे के बर्तन में रात भर पानी जमा करें।
    • सुबह, खाली पेट इस पानी को पी लें।
    • तांबे के बर्तन में पानी जमा करने से पानी का pH मान बढ़ जाता है।

          2.नींबू का रस मिलाकर पानी पीना:

    • एक गिलास पानी में आधा नींबू का रस मिलाएं।
    • इस पानी को सुबह खाली पेट या भोजन के बीच में पी लें।
    • नींबू का रस क्षारीय होता है और शरीर के pH संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है।

          3. बेकिंग सोडा मिलाकर पानी पीना:

    • एक गिलास पानी में एक चौथाई चम्मच बेकिंग सोडा मिलाएं।
    • इस पानी को भोजन के बाद पी लें।
    • बेकिंग सोडा क्षारीय होता है और एसिडिटी और अपच को कम करने में मदद करता है।
    • बेकिंग सोडा क्षारीय जल का अत्यधिक सेवन न करें।
    • अत्यधिक उपयोग हानिकारक हो सकता है, खासकर उच्च रक्तचाप या गुर्दे की समस्याओं में।

        4. फल और सब्जियों का सेवन:

    • फल और सब्जियां क्षारीय खाद्य पदार्थ हैं।
    • अपने आहार में फल और सब्जियों को शामिल करने से शरीर में क्षारीयता बढ़ती है।

        5.  हरी पत्तेदार सब्जियों का रस पीना:

    • हरी पत्तेदार सब्जियां क्षारीय होती हैं।
    • हरी पत्तेदार सब्जियों का रस पीने से शरीर में क्षारीयता बढ़ती है।

    क्षारीय जल बनाने के लिए सावधानियां:

    • किसी भी उपचार शुरू करने से पहले आयुर्वेदिक चिकित्सक या डॉक्टर से परामर्श लें।
    • अपने वर्तमान स्वास्थ्य स्थितियों को ध्यान में रखें।
    • क्षारीय जल बनाने के लिए तांबे के बर्तन का उपयोग करते समय, सुनिश्चित करें कि बर्तन साफ हो।
    • यदि आपको कोई स्वास्थ्य समस्या है, तो क्षारीय जल पीने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।
    • क्षारीय जल का अत्यधिक सेवन न करें।

    निष्कर्ष:

    क्षारीय जल शरीर के लिए कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है। आयुर्वेद में क्षारीय जल बनाने की कई विधियां हैं। आप अपनी सुविधानुसार कोई भी विधि चुन सकते हैं।

    अतिरिक्त जानकारी:

    क्षारीय जल के बारे में अधिक जानकारी के लिए, आप निम्नलिखित वेबसाइटों को देख सकते हैं:

    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC9621423/


    यह जानकारी केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है।

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