ओला के भाविश अग्रवाल का कृत्रिम में ₹2,000 करोड़ का ऐतिहासिक निवेश

ओला के संस्थापक भाविश अग्रवाल ने 4 फरवरी, 2025 को अपने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) वेंचर "कृत्रिम" में ₹2,000 करोड़ का निवेश करने की घोषणा की। यह कदम भारतीय AI क्षेत्र को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में मजबूती प्रदान करेगा और भारत को AI के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है|

Ola Bhavish Aggarwal Investment AI Krutrim

    निवेश का उद्देश्य

    इस निवेश के साथ ही अग्रवाल ने अगले वर्ष तक ₹10,000 करोड़ और निवेश करने का वादा किया है। उनका लक्ष्य भारतीय भाषाओं और सांस्कृतिक संदर्भों के अनुसार AI मॉडल विकसित करना है, जिससे भारतीय उपयोगकर्ताओं के लिए AI तकनीक अधिक सुलभ और प्रभावी हो सके|

    कृत्रिम AI लैब का शुभारंभ

    अग्रवाल ने कृत्रिम AI लैब का भी उद्घाटन किया, जो एक विशेष AI अनुसंधान केंद्र होगा। इस लैब में कई नए AI मॉडल पेश किए गए हैं, जैसे कि:


    • कृत्रिम-2: एक बड़ा भाषा मॉडल।
    • चित्रार्थ-1: एक विज़न भाषा मॉडल।
    • ध्वनि-1: स्पीच ट्रांसलेशन मॉडल।
    • व्यख्यार्थ-1: टेक्स्ट एम्बेडिंग मॉडल।

    इन मॉडलों का उद्देश्य भारतीय भाषाओं में बेहतर संवाद स्थापित करना है|


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    सुपरकंप्यूटर का निर्माण

    कृत्रिम ने NVIDIA के साथ मिलकर भारत का पहला GB200 सुपरकंप्यूटर स्थापित करने की योजना बनाई है, जो मार्च 2025 तक चालू होने की उम्मीद है। यह सुपरकंप्यूटर भारत का सबसे बड़ा AI सुपरकंप्यूटर बनने का लक्ष्य रखता है, जिससे AI अनुसंधान और डेटा प्रोसेसिंग में तेजी आएगी|

    क्रुत्रिम 2 के विशेषताओं का विस्तार से वर्णन

    क्रुत्रिम 2, ओला के नए AI मॉडल का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो विशेष रूप से भारतीय भाषाओं और सांस्कृतिक संदर्भों को ध्यान में रखते हुए विकसित किया गया है। इस मॉडल की कुछ प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:

    1. भाषाई विविधता का समर्थन

    क्रुत्रिम 2 भारतीय भाषाओं के लिए अनुकूलित है। यह विभिन्न भाषाओं में संवाद करने की क्षमता रखता है, जिससे यह अधिकतम उपयोगकर्ताओं तक पहुँच सकेगा।

    2. उन्नत मशीन लर्निंग तकनीक

    यह मॉडल गहरे शिक्षण (Deep Learning) और मशीन लर्निंग (Machine Learning) पर आधारित है, जो इसे डेटा से सीखने और समय के साथ बेहतर बनने की क्षमता प्रदान करता है।

    3. कस्टमाइजेशन की सुविधा

    क्रुत्रिम 2 उपयोगकर्ताओं को अपनी आवश्यकताओं के अनुसार मॉडल को कस्टमाइज करने की सुविधा देता है। यह व्यवसायों और व्यक्तियों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद होगा, क्योंकि वे अपने लक्ष्यों के अनुसार AI को अनुकूलित कर सकते हैं।

    4. संदर्भ आधारित उत्तर

    यह मॉडल संदर्भ को समझने की क्षमता रखता है, जिससे यह उपयोगकर्ता के प्रश्नों का अधिक सटीक और प्रासंगिक उत्तर दे सकता है।

    5. ओपन-सोर्स पहल

    क्रुत्रिम 2 का विकास ओपन-सोर्स सिद्धांतों पर आधारित है, जिसका अर्थ है कि तकनीकी समुदाय इस पर काम कर सकता है और इसे और बेहतर बना सकता है।

    6. अनुसंधान और विकास में योगदान

    इस मॉडल का उद्देश्य न केवल व्यावसायिक उपयोग बल्कि अनुसंधान और विकास में भी योगदान देना है। इसके माध्यम से नई तकनीकों और विधियों का विकास संभव होगा।


    निष्कर्ष

    भाविश अग्रवाल का यह निवेश और नई पहलें भारत को AI के क्षेत्र में एक नई पहचान दिलाने में मदद करेंगी। उनके प्रयासों से भारतीय तकनीकी क्षेत्र को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने की क्षमता मिलेगी। इस प्रकार, "कृत्रिम" न केवल भारत के लिए बल्कि वैश्विक AI समुदाय के लिए भी एक महत्वपूर्ण योगदान देने की दिशा में अग्रसर है।


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