Expense Ratio In Mutual Fund In Hindi | एक्सपेंस रेशियो हिंदी में

म्यूचुअल फंड में निवेश करते समय आपको फीस क्यों देनी पड़ती है?यह सच है कि म्यूचुअल फंड में निवेश करते समय आपको कुछ फीस देनी पड़ती है।यह फीस 'एक्सपेंस रेशियो' के नाम से जानी जाती है। यह फीस म्यूचुअल फंड को चलाने के लिए आवश्यक खर्चों को कवर करने के लिए उपयोग की जाती है। इन खर्चों में फंड मैनेजर की फीस, प्रशासनिक खर्च और अन्य खर्च शामिल हैं।एक्सपेंस रेशियो आमतौर पर म्यूचुअल फंड के कुल मूल्य का एक प्रतिशत होता है।यह फीस आपके म्यूचुअल फंड निवेश पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकती है। उच्च एक्सपेंस रेशियो वाले म्यूचुअल फंड में निवेश करने से आपके रिटर्न कम हो सकते हैं। इसलिए, कम एक्सपेंस रेशियो वाले म्यूचुअल फंड में निवेश करना महत्वपूर्ण है। इस लेख में हमने 'एक्सपेंस रेशियो' के बारे में सरल हिंदी में बताया है। हमने यह भी समझाया कि यह फीस आपके म्यूचुअल फंड निवेश पर क्या असर डालती है।

Expense Ratio In Mutual Fund In Hindi


    एक्सपेंस रेशियो क्या होता है?


    सरल शब्दों में, एक्सपेंस रेशियो वह फीस है जो आपको म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए देनी पड़ती है।यह फीस म्यूचुअल फंड को चलाने के लिए आवश्यक खर्चों को कवर करने के लिए उपयोग की जाती है।

    इन खर्चों में शामिल हैं:

    फंड मैनेजर की फीस: फंड मैनेजर वे लोग होते हैं जो म्यूचुअल फंड में आपके पैसे का निवेश करते हैं। उन्हें उनके काम के लिए फीस दी जाती है।

    प्रशासनिक खर्च: म्यूचुअल फंड को चलाने के लिए कई तरह के प्रशासनिक खर्च होते हैं, जैसे कि लेन-देन शुल्क, मार्केटिंग शुल्क, आदि।

    अन्य खर्च: म्यूचुअल फंड में निवेश करने से जुड़े कुछ अन्य खर्च भी होते हैं, जैसे कि ऑडिट शुल्क, आदि।

    एक्सपेंस रेशियो आमतौर पर म्यूचुअल फंड के कुल मूल्य का एक प्रतिशत होता है।


    यह फीस आपके म्यूचुअल फंड निवेश पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकती है। उच्च एक्सपेंस रेशियो वाले म्यूचुअल फंड में निवेश करने से आपके रिटर्न कम हो सकते हैं।  इसलिए, कम एक्सपेंस रेशियो वाले म्यूचुअल फंड में निवेश करना महत्वपूर्ण है।


    एक्सपेंस रेशियो की गणना कैसे की जाती है?


    एक्सपेंस रेशियो की गणना करने के लिए, म्यूचुअल फंड के कुल खर्चों को उसके कुल मूल्य से विभाजित किया जाता है।


    उदाहरण के लिए, यदि किसी म्यूचुअल फंड का कुल मूल्य ₹100 करोड़ है और उसके कुल खर्च ₹1 करोड़ हैं, तो उसका एक्सपेंस रेशियो 1% होगा। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि एक्सपेंस रेशियो म्यूचुअल फंड का चयन करते समय एकमात्र कारक नहीं होना चाहिए। आपको निवेश करने से पहले म्यूचुअल फंड के प्रदर्शन, जोखिम प्रोफ़ाइल और अन्य कारकों पर भी विचार करना चाहिए।


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    एक्सपेंस रेशियो के घटक क्या हैं?


    जब आप म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं, तो आपको एक्सपेंस रेशियो के रूप में एक फीस देनी पड़ती है। यह फीस म्यूचुअल फंड को चलाने से जुड़े विभिन्न खर्चों को कवर करती है। आइए जानते हैं कि एक्सपेंस रेशियो में कौन-कौन से मुख्य खर्च शामिल होते हैं:


    1. फंड मैनेजमेंट फीस: यह फीस फंड मैनेजर को उनकी सेवाओं के लिए दी जाती है। फंड मैनेजर वे लोग होते हैं जो आपके पैसे का निवेश करने के लिए जिम्मेदार होते हैं। उनकी विशेषज्ञता और कौशल के लिए उन्हें फीस दी जाती है।


    2. प्रशासनिक खर्च: म्यूचुअल फंड को चलाने के लिए कई तरह के प्रशासनिक खर्च होते हैं। इनमें शामिल हैं:


    3. लेन-देन शुल्क: ये शुल्क उन दलालों को दिए जाते हैं जो म्यूचुअल फंड के लिए शेयर खरीदते और बेचते हैं।

    कस्टोडियन शुल्क: ये शुल्क उन संस्थानों को दिए जाते हैं जो म्यूचुअल फंड की संपत्तियों को सुरक्षित रखते हैं।

    विपणन और वितरण शुल्क: ये शुल्क म्यूचुअल फंड को बढ़ावा देने और बेचने के लिए किए गए खर्चों को कवर करते हैं।

    4. अन्य खर्च: इनमें कानूनी शुल्क, ऑडिट शुल्क, और अन्य प्रशासनिक खर्च शामिल हो सकते हैं।


    यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि सभी म्यूचुअल फंडों का एक्सपेंस रेशियो अलग-अलग होता है। आमतौर पर, इंडेक्स फंडों का एक्सपेंस रेशियो एक्टिवली मैनेज्ड फंडों की तुलना में कम होता है।

    कम एक्सपेंस रेशियो वाले म्यूचुअल फंड चुनने से आपके म्यूचुअल फंड निवेश पर सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।



    एक्सपेंस रेशियो आपके निवेश को कैसे प्रभावित करता है? 


    एक्सपेंस रेशियो म्यूचुअल फंड में निवेश करते समय आपको देनी पड़ने वाली फीस है। यह फीस म्यूचुअल फंड को चलाने से जुड़े खर्चों को कवर करती है।


    एक्सपेंस रेशियो आपके निवेश को निम्नलिखित तरीकों से प्रभावित करता है:


    1. कम रिटर्न:

    ज्यादा एक्सपेंस रेशियो वाला म्यूचुअल फंड आपके रिटर्न को कम कर सकता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आपके निवेश से पहले ही एक्सपेंस रेशियो के रूप में कुछ पैसे काट लिए जाते हैं।


    उदाहरण के लिए:

    मान लीजिए कि आपने ₹10,000 का निवेश किया है और म्यूचुअल फंड का एक्सपेंस रेशियो 2% है। इसका मतलब है कि आपके निवेश से पहले ही ₹200 काट लिए जाएंगे।


    2. चक्रवृद्धि ब्याज पर प्रभाव:

    ज्यादा एक्सपेंस रेशियो आपके निवेश पर चक्रवृद्धि ब्याज के प्रभाव को कम कर सकता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आपके निवेश का एक हिस्सा फीस के रूप में चला जाता है।


    3. लंबी अवधि में प्रभाव:

    ज्यादा एक्सपेंस रेशियो का प्रभाव लंबी अवधि में अधिक होता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि चक्रवृद्धि ब्याज का प्रभाव समय के साथ बढ़ता जाता है।


    इसलिए, कम एक्सपेंस रेशियो वाले म्यूचुअल फंड चुनना महत्वपूर्ण है।


    • यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि एक्सपेंस रेशियो म्यूचुअल फंड का चयन करते समय एकमात्र कारक नहीं होना चाहिए। आपको निवेश करने से पहले म्यूचुअल फंड के प्रदर्शन, जोखिम प्रोफ़ाइल और अन्य कारकों पर भी विचार करना चाहिए।


    SEBI और एक्सपेंस रेशियो

    भारत में म्यूचुअल फंड उद्योग SEBI (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) द्वारा नियंत्रित होता है। SEBI निवेशकों के हितों की रक्षा करने और बाजार में पारदर्शिता लाने के लिए कई नियम और दिशानिर्देश लागू करता है। इनमें से एक महत्वपूर्ण नियम म्यूचुअल फंडों के एक्सपेंस रेशियो को सीमित करना है।

    एक्सपेंस रेशियो म्यूचुअल फंड को चलाने के लिए सालाना लगने वाली लागत है। इसमें फंड मैनेजर की फीस, प्रशासनिक खर्च, मार्केटिंग लागत आदि शामिल होते हैं।


    SEBI एक्सपेंस रेशियो पर सीमा लगाकर यह सुनिश्चित करता है कि:

    • निवेशकों के रिटर्न पर नकारात्मक प्रभाव न पड़े। उच्च एक्सपेंस रेशियो सीधे तौर पर निवेश के रिटर्न को कम कर सकता है।

    • बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़े। कम एक्सपेंस रेशियो वाले फंडों के लिए प्रतिस्पर्धा बढ़ने से निवेशकों को बेहतर विकल्प मिलते हैं।

    • पारदर्शिता बनी रहे। एक्सपेंस रेशियो को सीमित करने से निवेशकों को यह जानने में मदद मिलती है कि उनके द्वारा चुने गए म्यूचुअल फंड में कितना खर्च होता है।


    SEBI द्वारा निर्धारित एक्सपेंस रेशियो की सीमाएं:


    • इंडेक्स फंड: 0.50%

    • एक्टिव इक्विटी फंड: 2.25%

    • हाइब्रिड फंड: 2.50%

    • डेट फंड: 1.00%

    • गिल्ट फंड: 0.75%


    यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ये सीमाएं अधिकतम हैं। म्यूचुअल फंड इन सीमाओं से कम एक्सपेंस रेशियो चार्ज करने का विकल्प चुन सकते हैं।


    SEBI एक्सपेंस रेशियो के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न तरीकों का उपयोग करता है:


    • नियमित निरीक्षण: SEBI म्यूचुअल फंड कंपनियों का नियमित रूप से निरीक्षण करता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे एक्सपेंस रेशियो पर लागू नियमों का पालन कर रहे हैं।

    • दंड: यदि कोई म्यूचुअल फंड कंपनी नियमों का उल्लंघन करती है, तो SEBI उस पर जुर्माना लगा सकता है।

    • निवेशकों के लिए SEBI द्वारा निर्धारित एक्सपेंस रेशियो की सीमाएं महत्वपूर्ण हैं। अपने निवेश से अधिकतम लाभ उठाने के लिए, निवेशकों को कम एक्सपेंस रेशियो वाले म्यूचुअल फंड चुनने का प्रयास करना चाहिए।


    हालांकि, यह ध्यान रखना जरूरी है कि एक्सपेंस रेशियो म्यूचुअल फंड चुनने का सिर्फ एक ही कारक नहीं होना चाहिए। निवेशकों को म्यूचुअल फंड चुनने से पहले उसके पिछले प्रदर्शन, जोखिम प्रोफाइल और अपने निवेश लक्ष्यों को भी ध्यान में रखना चाहिए।

    कम एक्सपेंस रेशियो वाले म्यूचुअल फंड कैसे खोजें

    म्यूचुअल फंड में निवेश करते समय, कम एक्सपेंस रेशियो वाले फंड चुनना महत्वपूर्ण है। एक्सपेंस रेशियो म्यूचुअल फंड को चलाने के लिए सालाना लगने वाली लागत है। इसमें फंड मैनेजर की फीस, प्रशासनिक खर्च, मार्केटिंग लागत आदि शामिल होते हैं।


    कम एक्सपेंस रेशियो वाले म्यूचुअल फंड खोजने के लिए:


    1. म्यूचुअल फंड स्कीम इन्फॉर्मेशन डॉक्यूमेंट (SID) देखें:

    SID में म्यूचुअल फंड के सभी खर्चों का विवरण होता है, जिसमें एक्सपेंस रेशियो भी शामिल है।


    2. म्यूचुअल फंड वेबसाइटों और पोर्टलों का उपयोग करें:

    कई म्यूचुअल फंड वेबसाइटें और पोर्टल हैं जो आपको विभिन्न म्यूचुअल फंडों के एक्सपेंस रेशियो की तुलना करने की सुविधा प्रदान करते हैं।


    3. वित्तीय सलाहकार से सलाह लें:

    एक योग्य वित्तीय सलाहकार आपको कम एक्सपेंस रेशियो वाले म्यूचुअल फंड खोजने में मदद कर सकता है।


    कम एक्सपेंस रेशियो वाले म्यूचुअल फंड खोजने के लिए कुछ अतिरिक्त सुझाव:


    इंडेक्स फंडों पर विचार करें:

    इंडेक्स फंडों का एक्सपेंस रेशियो आमतौर पर एक्टिव फंडों की तुलना में कम होता है।


    डायरेक्ट प्लान चुनें:

    डायरेक्ट प्लान में निवेश करने से आप ब्रोकरेज शुल्क बचा सकते हैं, जिससे आपके रिटर्न में सुधार होगा।


    अपने निवेश की समीक्षा करें:

    समय-समय पर अपने निवेश की समीक्षा करें और यदि आवश्यक हो तो कम एक्सपेंस रेशियो वाले फंडों में स्विच करें।

    यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि एक्सपेंस रेशियो म्यूचुअल फंड चुनने का सिर्फ एक ही कारक नहीं होना चाहिए। आपको निवेश करने से पहले म्यूचुअल फंड के पिछले प्रदर्शन, जोखिम प्रोफाइल और अपने निवेश लक्ष्यों को भी ध्यान में रखना चाहिए।


    यहाँ कुछ वेबसाइटें और पोर्टल हैं जो आपको कम एक्सपेंस रेशियो वाले म्यूचुअल फंड खोजने में मदद कर सकते हैं:

    Moneycontrol: https://www.moneycontrol.com/

    ET Money: https://www.etmoney.com/

    Zerodha: https://zerodha.com/


    यह भी ध्यान रखें कि SEBI (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) ने विभिन्न प्रकार के म्यूचुअल फंडों के लिए एक्सपेंस रेशियो पर सीमा निर्धारित की है। आप SEBI की वेबसाइट पर इन सीमाओं के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं: https://www.sebi.gov.in/


    कम एक्सपेंस रेशियो वाले म्यूचुअल फंड चुनकर, आप अपने निवेश पर बेहतर रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं।


    अस्वीकरण (Disclaimer):

    यह सामग्री केवल सूचना के प्रयोजनों के लिए प्रदान की गई है और इसे किसी भी प्रकार के वित्तीय या निवेश सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। किसी भी निवेश निर्णय लेने से पहले, आपको स्वतंत्र सलाह लेनी चाहिए।


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