फ्यूचर और ऑप्शंस ट्रेडिंग क्या है | Future and Option Trading Kya Hai (Hindi)

फ्यूचर्स और ऑप्शंस ट्रेडिंग क्या है? सरल शब्दों में कहें तो, फ्यूचर्स और ऑप्शंस ट्रेडिंग भविष्य में किसी निश्चित मूल्य पर किसी संपत्ति को खरीदने या बेचने का समझौता करना है। यह संपत्ति कोई भी हो सकती है, जैसे स्टॉक, कमोडिटी (सोना, तेल), मुद्रा, इत्यादि। शेयर बाजार में निवेश करने के कई तरीके हैं, जैसे सीधे स्टॉक खरीदना, म्यूचुअल फंड में निवेश करना, या बॉन्ड खरीदना। इन पारंपरिक तरीकों के अलावा, फ्यूचर्स और ऑप्शंस नामक दो और जटिल तरीके भी मौजूद हैं, जिनके बारे में आज हम बात करेंगे।
फ्यूचर और ऑप्शंस ट्रेडिंग क्या है | Future and Option Trading Kya Hai (Hindi)



    फ्यूचर्स और ऑप्शंस में मुख्य अंतर:

    फ्यूचर्स: 

    यहां आपको भविष्य में एक निश्चित तिथि पर एक निश्चित मूल्य पर किसी संपत्ति को खरीदने या बेचने की बाध्यता होती है। मान लीजिए आपने 100 रुपये प्रति शेयर के भाव पर सोना खरीदने का फ्यूचर्स ट्रेडिंग किया है, तो भले ही उस समय सोने की कीमत 120 रुपये हो जाए, आपको 100 रुपये में ही उसे खरीदना होगा।

    ऑप्शंस: 

    यहां आपके पास चुनाव होता है। आप चाहें तो भविष्य में एक निश्चित तिथि पर एक निश्चित मूल्य पर किसी संपत्ति को खरीद या बेच सकते हैं, लेकिन आपको ऐसा करने की बाध्यता नहीं है। मान लीजिए आपने 100 रुपये प्रति शेयर के भाव पर स्टॉक खरीदने का ऑप्शन लिया है, तो यदि उस समय स्टॉक की कीमत 120 रुपये हो जाए, तो आप इस विकल्प का उपयोग कर लाभ कमा सकते हैं। लेकिन अगर स्टॉक की कीमत 80 रुपये हो जाए, तो आप इस विकल्प का उपयोग नहीं करने का चुनाव कर सकते हैं और सिर्फ आपके द्वारा चुकाया गया प्रीमियम ही नुकसान होगा।

    अगले भागों में हम फ्यूचर्स और ऑप्शंस के बारे में और विस्तार से जानेंगे, उनके काम करने के तरीके, लाभ और जोखिमों को समझेंगे। लेकिन यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि ये जटिल ट्रेडिंग शैलियां हैं और इन्हें पूरी तरह समझने और इस्तेमाल करने के लिए गहन ज्ञान और अनुभव की आवश्यकता होती है।

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    फ्यूचर्स ट्रेडिंग

    भाग 1 में हमने फ्यूचर्स और ऑप्शंस ट्रेडिंग का संक्षिप्त परिचय लिया। अब हम फ्यूचर्स ट्रेडिंग्स पर गहराई से नजर डालते हैं।

    फ्यूचर्स ट्रेडिंग कैसे काम करता है?

    फ्यूचर्स ट्रेडिंग एक समझौता होता है जिसके तहत दो पक्ष भविष्य में एक निश्चित तिथि पर एक निर्धारित मूल्य पर किसी विशिष्ट संपत्ति को खरीदने या बेचने का वादा करते हैं। यह समझौता किसी स्टॉक एक्सचेंज पर होता है, जो यह सुनिश्चित करता है कि अनुबंध के सभी नियम और शर्तें मानक हों।

    फ्यूचर्स ट्रेडिंग के कुछ प्रमुख घटक होते हैं:

    अंतर्निहित संपत्ति (Underlying Asset): यह वह संपत्ति है जिस पर फ्यूचर्स ट्रेडिंग आधारित होता है, जैसे कोई स्टॉक, कमोडिटी, मुद्रा, इत्यादि।

    समाप्ति तिथि (Expiry Date): यह वह तिथि है जिस पर फ्यूचर्स ट्रेडिंग समाप्त हो जाता है और अनुबंध के अनुसार संपत्ति का लेन-देन होता है।

    अनुबंध मूल्य (Contract Price): यह वह मूल्य है जिस पर भविष्य में संपत्ति को खरीदा या बेचा जाएगा।

    मार्जिन (Margin): यह वह राशि है जो आपको फ्यूचर्स ट्रेडिंग खोलने के लिए जमा करनी होती है। यह अनुबंध के मूल्य का एक छोटा प्रतिशत होता है और यह सुनिश्चित करता है कि आप अपने अनुबंध के दायित्वों को पूरा कर सकेंगे।

    फ्यूचर्स ट्रेडिंग के लाभ:

    हेजिंग: आप फ्यूचर्स का उपयोग करके अपनी दूसरी होल्डिंग्स को भाव में होने वाले उतार-चढ़ाव से बचा सकते हैं। उदाहरण के लिए, यदि आप किसी कंपनी के बहुत सारे शेयर रखते हैं और आपको लगता है कि कीमत गिर सकती है, तो आप उस कंपनी के शेयरों को बेचने का एक फ्यूचर्स ट्रेडिंग खरीद सकते हैं। इस तरह, अगर कीमत वास्तव में गिरती है, तो आप फ्यूचर्स ट्रेडिंग से होने वाले लाभ से अपनी हानि की भरपाई कर सकते हैं।

    लिवरेज: मार्जिन का उपयोग करके आप फ्यूचर्स ट्रेडिंग में लिवरेज ले सकते हैं। इसका मतलब है कि आप कम पूंजी के साथ बड़े आकार के ट्रेड कर सकते हैं। हालांकि, यह लाभ और हानि दोनों को बढ़ा देता है।

    फ्यूचर्स ट्रेडिंग के जोखिम:

    मार्जिन कॉल: यदि आपकी ट्रेडिंग स्थिति के कारण आपके मार्जिन का मूल्य कम हो जाता है, तो ब्रोकर आपको और पैसे जमा करने के लिए कह सकता है। इसे मार्जिन कॉल कहते हैं। यदि आप ऐसा नहीं करते हैं, तो ब्रोकर आपके सभी पोजीशन को बंद कर सकता है, जिससे आपको भारी नुकसान हो सकता है।

    अप्रत्याशित घटनाएँ: भविष्य की घटनाओं को पूरी तरह से भविष्यवाणी नहीं की जा सकती। इसलिए, फ्यूचर्स ट्रेडिंग में अप्रत्याशित घटनाओं, जैसे आर्थिक संकट या प्राकृतिक आपदाओं के कारण भारी नुकसान होने का जोखिम रहता है।

    फ्यूचर्स ट्रेडिंग : ABC कंपनी के शेयरों का उदाहरण

    मान लीजिए आप एक निवेशक हैं और आपको लगता है कि ABC कंपनी के शेयरों का मूल्य अगले कुछ महीनों में बढ़ने वाला है। लेकिन आप अभी शेयर खरीदना नहीं चाहते हैं। आप फ्यूचर्स ट्रेडिंग का उपयोग करके भविष्य में ABC कंपनी के शेयरों को एक निश्चित मूल्य पर खरीदने का वादा कर सकते हैं।

    कंपनी: ABC लिमिटेड

    फ्यूचर्स ट्रेडिंग की मूल्य: ₹100 प्रति शेयर

    फ्यूचर्स ट्रेडिंग की मात्रा: 1000 शेयर (इसका मतलब है कि एक कॉन्ट्रैक्ट में ABC कंपनी के 1000 शेयर होंगे)

    यह कैसे काम करता है:

    आप ABC कंपनी के शेयरों के लिए एक फ्यूचर्स ट्रेडिंग खरीदते हैं।

    अनुबंध की समाप्ति तिथि पर, आपको ABC कंपनी के 1000 शेयर ₹100 प्रति शेयर की दर से खरीदने होंगे, चाहे शेयर का बाजार मूल्य उस समय कितना भी हो।

    यदि शेयर का बाजार मूल्य ₹120 प्रति शेयर हो जाता है, तो आपको ₹20 प्रति शेयर का लाभ होगा।

    यदि शेयर का बाजार मूल्य ₹80 प्रति शेयर हो जाता है, तो आपको ₹20 प्रति शेयर का नुकसान होगा।

    ऑप्शन ट्रेडिंग

    अब तक हमने फ्यूचर्स ट्रेडिंग्स को समझा। अब बारी है ऑप्शन ट्रेडिंग  की। ये कॉन्ट्रैक्ट्स फ्यूचर्स से कुछ अलग तरीके से काम करते हैं।

    ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है?

    फ्यूचर्स में आपको भविष्य में एक निश्चित मूल्य पर संपत्ति खरीदने या बेचने की बाध्यता होती है, जबकि ऑप्शन में आपको चुनाव मिलता है। आप चाहें तो भविष्य में एक निश्चित मूल्य पर संपत्ति खरीद या बेच सकते हैं, लेकिन आपको ऐसा करने की बाध्यता नहीं होती है।

    इसमें दो प्रकार के कॉन्ट्रैक्ट होते हैं:

    कॉल ऑप्शन: यह आपको भविष्य में एक निश्चित मूल्य पर संपत्ति खरीदने का अधिकार देता है, लेकिन बाध्यता नहीं। मान लीजिए आप XYZ कंपनी के शेयरों का कॉल ऑप्शन खरीदते हैं, जिसकी कीमत ₹100 है। इसका मतलब है कि आप भविष्य में किसी भी समय ₹100 देकर इन शेयरों को खरीद सकते हैं। यदि शेयरों की कीमत ₹120 हो जाती है, तो आप इन शेयरों को ₹100 में खरीदकर ₹20 का लाभ कमा सकते हैं। लेकिन अगर कीमत ₹80 हो जाती है, तो आप ऑप्शन का इस्तेमाल नहीं कर सकते और सिर्फ आपके द्वारा चुकाया गया प्रीमियम ही नुकसान होगा।

    पुट ऑप्शन: यह आपको भविष्य में एक निश्चित मूल्य पर संपत्ति बेचने का अधिकार देता है, लेकिन बाध्यता नहीं। मान लीजिए आप XYZ कंपनी के शेयरों का पुट ऑप्शन खरीदते हैं, जिसकी कीमत ₹100 है। इसका मतलब है कि आप भविष्य में किसी भी समय ₹100 में इन शेयरों को बेच सकते हैं। यदि शेयरों की कीमत ₹80 हो जाती है, तो आप इन शेयरों को ₹100 में बेचकर ₹20 का लाभ कमा सकते हैं। लेकिन अगर कीमत ₹120 हो जाती है, तो आप ऑप्शन का इस्तेमाल नहीं कर सकते और सिर्फ आपके द्वारा चुकाया गया प्रीमियम ही नुकसान होगा।

    ऑप्शन ट्रेडिंग के लाभ:

    सीमित जोखिम: आपको केवल प्रीमियम का नुकसान होता है, भले ही बाजार विपरीत दिशा में चले जाए।

    लचीलापन: आप बाजार की दिशा के बारे में अपनी राय के आधार पर कॉल या पुट विकल्प चुन सकते हैं।

    हेजिंग: आप अपने पोर्टफोलियो को भाव में होने वाले उतार-चढ़ाव से बचाने के लिए ऑप्शन का उपयोग कर सकते हैं।

    ऑप्शन ट्रेडिंग के जोखिम:

    समय क्षय: ऑप्शन का मूल्य समय के साथ कम होता जाता है, भले ही संपत्ति की कीमत स्थिर रहे।

    जटिलता: ऑप्शन ट्रेडिंग जटिल हो सकती है और इसके लिए बाजार की अच्छी समझ की आवश्यकता होती है।

    फ्यूचर और ऑप्शन में अंतर

    फ्यूचर और ऑप्शन दो डेरिवेटिव अनुबंध हैं जो निवेशकों को अंतर्निहित संपत्ति, जैसे कि स्टॉक, कमोडिटी या मुद्रा के भविष्य के मूल्य पर सट्टा लगाने की अनुमति देते हैं। हालांकि, दोनों अनुबंधों के बीच कुछ महत्वपूर्ण अंतर हैं।

    फ्यूचर अनुबंध बाध्यकारी समझौते हैं जो खरीदार को खरीदने और विक्रेता को एक विशिष्ट भविष्य की तारीख पर एक निश्चित पूर्व निर्धारित मूल्य पर अंतर्निहित संपत्ति की एक विशिष्ट मात्रा बेचने के लिए बाध्य करते हैं। इसका मतलब है कि दोनों पक्ष अंतर्निहित संपत्ति की कीमत ऊपर या नीचे जाने पर भी अनुबंध को पूरा करने के लिए बाध्य हैं।

    ऑप्शन अनुबंध, दूसरी ओर, खरीदार को एक विशिष्ट भविष्य की तारीख पर या उससे पहले एक निश्चित पूर्व निर्धारित मूल्य पर अंतर्निहित संपत्ति को खरीदने या बेचने का अधिकार, लेकिन दायित्व नहीं देता है। ऑप्शन के खरीदार इस अधिकार के लिए प्रीमियम का भुगतान करते हैं, लेकिन यदि अंतर्निहित संपत्ति की कीमत उनके पक्ष में नहीं बढ़ती है तो वे विकल्प का प्रयोग करने के लिए बाध्य नहीं हैं।

    परिणामस्वरूप, फ्यूचर अनुबंध ऑप्शन अनुबंध की तुलना में अधिक जोखिम वाले होते हैं। फ्यूचर अनुबंध के साथ, आप अंतर्निहित संपत्ति की कीमत आपके पक्ष में जाने या न जाने पर भी पूर्व निर्धारित मूल्य पर खरीदने या बेचने के लिए बाध्य हैं। ऑप्शन अनुबंध के साथ, आप केवल प्रीमियम खो देते हैं यदि विकल्प समाप्त हो जाता है।

    यहां एक तालिका दी गई है जो फ्यूचर और ऑप्शन अनुबंधों के बीच मुख्य अंतरों को सारांशित करती है:

    विशेषता

    फ्यूचर

    ऑप्शन

    अनुबंध का प्रकार

    बाध्यकारी

    गैर-बाध्यकारी

    अधिकार

    खरीदने या बेचने का अधिकार

    खरीदने या बेचने का विकल्प

    दायित्व

    अनुबंध का पालन करना

    अनुबंध का पालन करना या न करना

    लाभ

    असीमित

    सीमित

    हानि

    असीमित

    सीमित (प्रीमियम तक)

    जोखिम

    उच्च

    मध्यम

    उपयोग

    भविष्य में मूल्य निश्चित करना

    भविष्य में मूल्य पर सट्टेबाजी करना

    मार्जिन

    उच्च

    कम

    अनुभव

    आवश्यक

    वैकल्पिक

    विशेष टिप्पणी

    फ्यूचर में, आपको अनुबंध की समाप्ति तिथि पर निर्धारित मूल्य पर अंतर्निहित एसेट खरीदना या बेचना होगा।

    ऑप्शन में, आपको अनुबंध की समाप्ति तिथि पर निर्धारित मूल्य पर अंतर्निहित एसेट खरीदने या बेचने का विकल्प होता है, लेकिन यह बाध्यता नहीं होती है।

    फ्यूचर और ऑप्शन दोनों में लीवरेज का उपयोग किया जा सकता है, जिससे लाभ और हानि दोनों बढ़ सकते हैं।

    यह जानकारी केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए है। किसी भी निर्णय से पहले पेशेवर सलाह लेना हमेशा उचित होता है।

    निष्कर्ष

    फ्यूचर्स और ऑप्शंस ट्रेडिंग लाभदायक हो सकती है, लेकिन यह उच्च जोखिम वाला खेल भी है।

    इसमें सफल होने के लिए आपको:

    • अच्छी समझ और ज्ञान
    • अनुभव
    • उचित जोखिम प्रबंधन
    • भावनाओं पर नियंत्रण
    • अनुशासन

    इन ट्रेडिंग शैलियों में शामिल होने से पहले अपनी वित्तीय स्थिति, जोखिम सहनशीलता, और लक्ष्यों का मूल्यांकन करना महत्वपूर्ण है।

    यदि आपको कोई संदेह है, तो किसी योग्य वित्तीय सलाहकार से सलाह लें।

    फ्यूचर्स और ऑप्शंस ट्रेडिंग सभी के लिए उपयुक्त नहीं है। यदि आप जोखिम नहीं उठा सकते हैं, तो बेहतर होगा कि आप इनमें भाग न लें।

    हम आशा करते हैं कि यह जानकारी आपको फ्यूचर्स और ऑप्शंस ट्रेडिंग को बेहतर ढंग से समझने में मदद करेगी।

    शुभकामनाएं!

    फ्यूचर्स और ऑप्शंस ट्रेडिंग के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

    क्या फ्यूचर्स और ऑप्शंस ट्रेडिंग शेयर खरीदने-बेचने से बेहतर हैं?

    यह जरूरी नहीं है। फ्यूचर्स और ऑप्शंस जटिल ट्रेडिंग शैलियां हैं जिनमें उच्च जोखिम होता है। हालांकि ये आपको लाभ कमाने का अधिक अवसर दे सकते हैं, लेकिन हानि का जोखिम भी अधिक होता है। शेयर खरीदना-बेचना एक सीधा तरीका है, लेकिन इसमें भी लाभ और हानि की संभावना रहती है। यह आपकी जोखिम सहनशीलता और लक्ष्यों पर निर्भर करता है कि आपके लिए कौन सा तरीका बेहतर है।मुझे फ्यूचर्स और ऑप्शंस ट्रेडिंग शुरू करने के लिए कितनी पूंजी की आवश्यकता है?

    इसका कोई निश्चित उत्तर नहीं है। यह आपके जोखिम सहनशीलता और ट्रेडिंग की रणनीति पर निर्भर करता है। आमतौर पर, छोटी पूंजी से शुरू करना और धीरे-धीरे अनुभव प्राप्त करना बेहतर होता है। याद रखें, कभी भी इतना निवेश न करें जिसे आप खोने का जोखिम नहीं उठा सकते।

    क्या फ्यूचर्स और ऑप्शंस ट्रेडिंग जल्दी अमीर बनने का तरीका है?

    नहीं, ऐसा नहीं है। फ्यूचर्स और ऑप्शंस ट्रेडिंग में जल्दी अमीर बनने की गारंटी नहीं है, बल्कि इसमें उच्च जोखिम और संभावित रूप से बड़ी हानि का जोखिम होता है। सफलता के लिए ज्ञान, अनुभव, और अनुशासन की आवश्यकता होती है।

    मैं फ्यूचर्स और ऑप्शंस ट्रेडिंग सीखने के लिए क्या कर सकता हूं?

    ऑनलाइन संसाधन, किताबें, कोर्स, और अनुभवी ट्रेडर्स से सलाह लेकर आप इन ट्रेडिंग शैलियों के बारे में सीख सकते हैं। लेकिन याद रखें, सीखने की प्रक्रिया निरंतर चलती रहती है और आपको हमेशा बाजार से अपडेट रहना होता है।

    क्या फ्यूचर्स और ऑप्शंस ट्रेडिंग कानूनी है?

    हां, भारत में फ्यूचर्स और ऑप्शंस ट्रेडिंग कानूनी है, लेकिन इसे एक विनियमित एक्सचेंज के माध्यम से ही करना चाहिए। सुनिश्चित करें कि आप एक प्रतिष्ठित और विनियमित ब्रोकर के साथ ट्रेड कर रहे हैं।

    अतिरिक्त संसाधन

    फ्यूचर्स और ऑप्शंस ट्रेडिंग की दुनिया में कदम रखने के लिए ये शानदार ऑनलाइन वेबसाइटें आपका साथ देंगी! Zerodha Varsity

    उनकी व्यापक पाठ्यक्रम के साथ डेरिवेटिव्स की पेचीदगियों को समझें, जिसमें अभ्यास मॉड्यूल और क्विज़ शामिल हैं ताकि आपकी समझ मजबूत हो सके।

    Upstox

    उनका मुफ्त ई-बुक ऑप्शंस ट्रेडिंग पर प्राप्त करें और लेखों और वीडियो के साथ गहराई से जानें। यह सब एक उपयोगी शब्दावली और मार्जिन कैलकुलेटर द्वारा समर्थित है।

    NSE Academy

    गहन सीखने के लिए एक पेड कोर्स लें, या उनके निःशुल्क संसाधनों जैसे लेखों, वीडियो और वेबिनार को देखें। वास्तविक बाजार में कदम रखने से पहले उनके सिम्युलेटर के साथ जोखिम मुक्त व्यापार का अभ्यास करें।

    Investopedia

    लेखों, वीडियो और शब्दावली की एक विस्तृत श्रृंखला के साथ अपने ज्ञान का आधार बढ़ाएं। यह प्लेटफ़ॉर्म शुरुआती और अनुभवी व्यापारियों दोनों के लिए उपयुक्त है।

    The Options Industry Council (OIC)

    विशेष रूप से ऑप्शंस ट्रेडिंग पर केंद्रित लेखों, वीडियो और वेबिनार से मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्राप्त करें। यह साइट आपको ऑप्शंस की मूल अवधारणाओं और यांत्रिकी को समझने में सक्षम बनाती है। याद रखें, सही संसाधन का चुनाव आपके अनुभव स्तर और सीखने के लक्ष्यों पर निर्भर करता है। समीक्षाओं को पढ़ें और प्रत्येक साइट का पता लगाएं ताकि फ्यूचर्स और ऑप्शंस ट्रेडिंग में आपकी यात्रा के लिए उपयुक्त संसाधन ढूंढ सकें!

    अस्वीकरण
    यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है और इसे व्यक्तिगत वित्तीय सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। किसी भी निवेश निर्णय लेने से पहले, कृपया एक योग्य वित्तीय सलाहकार से परामर्श लें।


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